किशन सिन्हा छुरा गरियाबंद
गरियाबंद:- 2025 के नगर पालिका निर्वाचन की प्रक्रिया जिले में तेज़ी से चल रही है और 11 फरवरी को होने वाले चुनाव की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। इस चुनाव में 6 नगरीय निकायों के 90 वार्डों के लिए कुल 267 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों की ज़िंदगी का यह चुनावी सफर उनके राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेगा। वहीं, इन चुनावों में नागरिकों का मतदान, खासकर महिलाओं की बड़ी भूमिका, आने वाले समय में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
6 नगरीय निकायों में चुनावी मेला
जिले में कुल 6 नगरीय निकाय हैं, जिनमें एक नगर पालिका परिषद और पांच नगर पंचायत शामिल हैं। इन निकायों के अध्यक्ष पद के लिए 20 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जबकि पार्षद पद के लिए 267 उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं। यह चुनाव न केवल जिले के विकास को प्रभावित करेंगे, बल्कि वहां के लोगों की खुशहाल ज़िंदगी के लिए सही प्रतिनिधि को चुनने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएंगे।
इन 6 नगरीय निकायों में से नगर पालिका परिषद गरियाबंद में 2 उम्मीदवार हैं, नगर पंचायत राजिम में 6, फिंगेश्वर में 4, छुरा में 2, कोपरा में 4 और देवभोग में 2 उम्मीदवार हैं। यदि हम वार्डों की बात करें तो, इन 6 निकायों के कुल 90 वार्डों के लिए 267 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें सबसे ज़्यादा उम्मीदवार नगर पंचायत कोपरा में हैं, जहाँ 54 उम्मीदवार पार्षद पद के लिए चुनावी मैदान में हैं। इसके बाद फिंगेश्वर नगर पंचायत में 53 उम्मीदवार हैं, नगर पालिका परिषद गरियाबंद में 48, राजिम में 43, देवभोग में 38 और छुरा में 31 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

महिला मतदाताओं की अहम भूमिका
11 फरवरी को होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में कुल 41207 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। यह आंकड़ा जिले की जनता की राजनीतिक भागीदारी को दर्शाता है। दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में महिला मतदाताओं की संख्या 21455 है, जो कि पुरुष मतदाताओं से कहीं अधिक है, जिनकी संख्या 19749 है। महिला मतदाता इस चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं, जो आने वाले समय में उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और जागरूकता को दर्शाता है।
मतदान केंद्रों की संख्या और व्यवस्थाएँ
नगरीय निकाय चुनाव के लिए कुल 90 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक नगरीय निकाय में 15 वार्ड के हिसाब से मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। नगर पालिका परिषद गरियाबंद में 15 मतदान केंद्र हैं, जिनमें कुल 8309 मतदाता हैं। इसमें 3490 पुरुष, 4369 महिला और अन्य 03 मतदाता शामिल हैं। वहीं, नगर पंचायत छुरा में 5316 मतदाता हैं, जिसमें 2529 पुरुष और 2748 महिला मतदाता शामिल हैं। अन्य निकायों में भी मतदान केंद्रों की संख्या समान रूप से निर्धारित की गई है।
नगर पंचायत फिंगेश्वर में कुल 7090 मतदाता हैं, नगर पंचायत राजिम में 11207 मतदाता हैं, नगर पंचायत कोपरा में 5120 और नगर पंचायत देवभोग में 4165 मतदाता हैं। इन मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया के लिए कुल 704 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें 6 रिटर्निंग ऑफिसर, 6 असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर, 8 सेक्टर ऑफिसर और अन्य अधिकारी शामिल हैं, जो चुनाव के निष्पक्ष और सुचारू संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे।
चुनावी प्रक्रिया और प्रशासन की तैयारियाँ
चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता से संपन्न कराने के लिए कड़ी व्यवस्था की है। हर मतदान केंद्र पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, मतदान कर्मचारियों की ड्यूटी और सभी प्रशासनिक तैयारियाँ सुनिश्चित की गई हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी और उनके टीम के द्वारा चुनावी प्रक्रिया को लेकर व्यापक योजनाएँ बनाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, मतदान केंद्रों पर चुनाव सामग्री और ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है। चुनाव आयोग द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मतदान केंद्रों पर महिलाओं के लिए अलग से प्रबंध किया जाए ताकि महिलाओं को चुनाव प्रक्रिया में कोई कठिनाई न हो। साथ ही, स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित उपायों को लेकर भी प्रशासन सजग है। कोविड-19 के दौरान बनाई गई सुरक्षा और सतर्कता की सभी आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।
मतदाता जागरूकता और निष्पक्ष मतदान
चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान चलाए हैं। चुनाव आयोग ने मतदाताओं को अपने मताधिकार का सही तरीके से उपयोग करने के लिए कई माध्यमों से सूचना प्रदान की है। जिले के प्रत्येक नागरिक को चुनाव के महत्व और उनके मतदान के अधिकार के बारे में अवगत कराया गया है।
इसके अलावा, निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से भी यह अपेक्षाएँ की गई हैं कि वे चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या हिंसा से बचें। किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो सके।
नगर पालिका और नगर पंचायतों के लिए होने वाला यह चुनाव जिले के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों का उत्साह, मतदाताओं की जागरूकता और प्रशासन की तत्परता से इस चुनाव को एक सफलता की ओर बढ़ाया जा रहा है। 11 फरवरी को होने वाले मतदान में जनता के द्वारा सही और सक्षम प्रतिनिधि का चुनाव उनकी भविष्यवाणी को साकार करेगा। मतदान केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि यह नागरिकता की जिम्मेदारी भी है, जो देश की प्रगति और विकास में अहम भूमिका निभाती है।