Vice President of India: आपातकाल का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर किया जिक्र, बोले- सत्ता से चिपके रहने के लिए तानाशाहीपूर्ण कार्य किया था Important News 1

आपातकाल के बहाने Vice President उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर से बिना नाम लिए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है।

अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान Vice President जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं आपको याद दिला दूं 1975 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा कठोर आपातकाल की घोषणा के साथ इस महान राष्ट्र को लहूलुहान कर दिया गया था, जिन्होंने धर्म की घोर और अपमानजनक अवहेलना करते हुए सत्ता और स्वार्थ से चिपके रहने के लिए तानाशाहीपूर्ण कार्य किया था। उन्होंने कहा कि वास्तव में, यह धर्म का अपवित्रीकरण था। यह अधर्म था जिसे न तो नकारा जा सकता है

और न ही माफ किया जा सकता है। वह अधर्म था जिसे अनदेखा या भुलाया नहीं जा सकता। Vice President जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि एक लाख से अधि एक लोगों को जेल में डाल दिया गया। उनमें से कुछ प्रधान मंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति बने और सार्वजनिक सेवा के पदों पर आसीन हुए।

Vice President

और यह सब धर्म के रक्षकों की सनक को संतुष्ट करने के लिए किया गया था।

मैं अपने आप से प्रश्न करता हूं कि उस समय उन धर्म योद्धाओं का क्या हुआ? मेरा उत्तर सरल है। उन्होंने कहा कि उनमें से एक लाख से अधिक लोगों को अपमान, कारावास का सामना करना पड़ा और यह संवैधानिक और लोकतांत्रिक आपदा संकेत देती है कि समाज को लंबे समय तक पीड़ा झेलनी होगी, अपने निष्पक्ष चेहरे पर अमिट निशान झेलना होगा जब हम अधर्म को अनुमति देते हैं।

उन्होंने कहा कि धर्म के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में, धर्म के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में, धर्म की रक्षा के लिए, धर्म में विश्वास दिखाने के लिए, 26 नवंबर को श्संविधान दिवसश् और 25 जून को श्संविधान हत्या दिवस का पालन आवश्यक है। वे धर्म के उल्लंघनों की गंभीर याद दिलाते हैं।

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